-->

gkexpres site ke madat se hum logon ko new upcoming movie,current affairs new technology,historycal facts,indian ,odisha job,festivals,artichteture,internet,gk,earning app review,type ke sare jankari dete hain

बुधवार, 5 अगस्त 2020

ganesh chaturthi festival 2020 / ganesh puja 2020

ganesh chaturthi भारतबर्ष की एक तविहार है जो हर साल भाद्रब मास के शुक्ल पक्ष्य की चतुर्दसी में आता है जहाँ ganesh जी को puja किया जाता है,इस बार गणेश पूजा 2020-08-22 को है और लोगोका बेसब्री से भी इंतजार है इसी date को,चलिए आज गणेश जी के बारेमे कुछ जाने अनजाने बातें जान लेते है जो आपकेलिए बहुत लाभ दायक भी होसकता है इसी ज्ञान को लेके,

गणेश पूजा क्यों किया जाता है,

  पुराण के अनुसार जब सिव जी और माता पारबती के झगडे होजानेके कारन माता पारबती सिव जी को छोड़ के चलेगये थे एक बन में,माता पारबती जो बन में गए वहां उनके सिबा और कोई नहीं था तो वो अकेले बेबस होने लगे और एक दिन नहाने के समय उनके सरीर में से जो मेल निकला था उसे एक पुतला बना के जीबन दान दे देते है और वहींसे गणेश जी के जन्म होता है,
ganesh-chaturthi

कुछ साल बात जब सिव जी ने अकेले बिभोर होने लगे तब वो अपने गलती को मानते हुए माता पारबती को ढूंढने गए,सिव जी को पता था की वो कहाँ है तो उन्हनोने सीधा वो बन के तरफ गए ओर देखे की उधर एक कुटिआ घर था और एक बचा पेहेर दरी करराहाथा उसे देखके सिव जी ने बोले बीटा पारबती को थोड़ा बुलाओगे या सुन के वो बचा तुरंत ही मना  करदेता है ऐसे ऐसे दो तीन बार पूछने लगे सिव ने पर वो बचा बार बार माना करदेताथा ये सुनके सिव जी के मन में क्रोध अता है और वो  बचा के सर को अपने त्रिसूल से काटदेते है,

तब माता पारबती को पता चल जाता है तो वो तुरंत कुटिआ से बहार आजाते है और देखते है की अपनी बीटा का सर यानि वो बचा जिसे माता पारबती ने बनाया थे उसके सर से धड़ अलग होकर पड़ा है ये देखके माता पारबती ने रोने लगे और उसे दोबारा जीबन दान देनेकेलिए सिव जी को कहने लगे पर ये बात संबाब नहीं था,तो सिव जी ने बेबस हो ब्रम्हा,बिस्नु और साथ में सवी देवताओं को बुलाए ओर इस समस्या का हल करने केलिए बोले तो किसीके पास कोई जबाब नहीं था तब बिस्नु ने कहे की तुम यहाँ से दखिन दिशा के  और जाओ और तुम जाने समय में जहाँ कहींभी एक जिन्दा प्राणी सोते हुए देखोगे उसका सर काट के ले आओ..

ये सुनके सिव जी ने अपने त्रिसूल उठा के दखिन की और जाने लगे और कुछ ही दूर जाके  देखे के एक हाथी के बचे ने दखिन की ओरसे सर करके  सोया है तो उस हाथी के सर काट के ले आये तब बिस्नु जी ने वो हाथी के सर को गणेश जी के धड़ में लगा दिए,गणेश को जिन्दा देखके माता पारबती बहुत ही खुस होगये ओर साथ में सभी देबतागन भी खुसी हो के बहुत सरे बरदान देने लगे उस बरदानमेसे ऐसा भी एक बरदान था जो सारे देबताओँ से पहले दुनिआ तुम्हारा पूजा करेगा उसदिन से आजदीन तक हर साल गणेश जी के जन्म दिन (birth day) को ही गणेश जी के पूजा किया जाता है,उनके दोबारा जीबन दान मिलनेकी खुसी में,

गणेश पूजा कैसे किया जाता है

 गणेश पूजा करने केलिए बहुत सरे चीज़ों को लाना पड़ता है जैसे एक नया कलस,नारियल,धुप,दिप,बेर के पत्ता,घी,सिंदूर,जाणग्या के लकड़ी,कर्पूर,भास्कर,फूल,धान,थोडासा उकड़ा चावल,सेहत,गुड़, दुद,और उनके प्रकार के फल और मूल गणेश जी को भोग लगाने केलिए,और सबसे बड़ी बात गणेश जी के एक प्रतिमा(मूर्ति) को लाना पड़ता है ये सभी चीज़ों को इकठा करके पंडित को बुलाना पड़ता है तब पूजा के आरम्भ होपाता है और लगातार 10 दिन तक ये पूजा चलता रहता है,
गणेश मंत्र-बक्र तुण्ड महाकाया 
         सूर्य कोटि समप्रभा:
               निर्बिघ्न कुरु में देब
         सुभ कार्ज्यशु सर्बदा,,

गणेश पूजा के सुरुवात,

गणेश पूजा के सुरुवात  कबसे कबसे हुआथा इसका जानकारी पुराण में भी नहीं है,कलियुग के हिसाब से mumbai के सतबाहन,रास्ट्रकूट और चालुक्य बंस के राजमाहा राजाओ ने सबसे पहले गणेश पूजा किया करते थे,पर गणेश जी के पूजा को बढ़ाबा दिए थे मुंबई के मराठा शासक छत्रपति सीबाजी ने वो सबको आदेश दिए थे की हर जग में गणेश पूजा होना चाहिए तब से गणेश पूजा चारोऔर लोगोने करने लगे,
ganesh-chaturthi

अंग्रेजो के शासन कल के गणेश पूजा

 अंग्रेजो ने भारत को शासन जब से करनेलगे तब से हिन्दू धर्म के सभी तविहार को ban करदिये थे,भारत की लोग जब इसी बात को लेके बिरोध किये तब सिर्फ गणेश पूजा करने केलिए ही अंग्रेजो ने स्वीकृति दी थी,गणेश पूजा को लेके बिरोध बालगंगाधर तिलक ने किये थे और गणेश जी के पूजा को वापस लये थे,

 मुंबई गणेश पूजा 2020 

   इतिहास से लेके आजदीन तक मुंबई में धूम धाम से ढोल नगाड़ा बजाके गणेश जी के पूजा किया जाता है,मुंबई के femous festival है गणेश पूजा,मुंबई के चारोतरफ पेंडल लगरहेता है सेहर के हर गली में गणेश जी के पूजा अर्चना किया जाता है,mumbai में लगातार 10 दिन तक पूजा होता है और बिसर्जन के दिन  में लाखों लोग एक जगह में इकठा होक ढोल नगाड़ा के बजाके बिसर्जन करते है जो किसी और सेहर में ऐसे धूम धाम से नहीं मनाया जाता है जिसमे लोग करोडो रूपए खर्च करदेते है,

गणेश पूजा out of country

गणेश जी के पूजा को इम्प्रेस होक अब दूसरी दूसरी देस में भी पूजा किया जाता है जैसे America,Australia Indonesia,singapur,Nepal और बिरोध करने वाले अंग्रेजो के देस में भी (England) होता है,तो सीधी सी बात है हिन्दू धर्म के प्रचार और संस्कृति चारो तरफ फैल रहा है,

गणेश बिसर्जन 2020 
  जब गणेश जी के पूजा ख़तम हो जाता है तब उनके बिसर्जन किया जाता है,इस दिन हर गाओं में ढोल नागदा और अजकल के Dj sound बजता रहता है लोगोने गणपति बापा मोरिया बोल के चिल्लाते रहते है,उसदिन चरों और गणेश जी के बिदाई होता है खुसी का माहोल चारोतरफ रहता है और अखरिकार गणेश जी के प्रतिमा को पानी में भासाया जाता है,

गणेश पूजा 2021 and 2022 date 

2021 में गणेश जी के पूजा september 10 तारिक और 2020 के पूजा agust 31को होगा,धियान रहे हर साल भद्राब मास के शुक्ल पख्य को होता है agust  से september के बिच, thank यू.. 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

how can i helf you

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.