सारि दुनियां जानता है की india एक देवी देवताओं का स्थल है जहाँ हर एक साल में सो से भी जायदा त्विहार मनायाजाता है इनमे से ऐसे कई सारे त्विहार है जो की दुनिआं की कोने कोने से लोग इसी त्विहार को देखने केलिए भी india आते है जैसे durga puja,दिवाली ,कुम्ह मेला,रथ यात्रा,गणेश पूजा,etc.. तो आज हम जानेंगे दुर्गा पूजा के कुछ रोचक बातें जो आज से पहले आपको सायद पता हो,
durga puja date 2020
इसी साल की दुर्गा पूजा 22 october में मनाया जायेगा जो की गुरबार के दिन को सुभ मुहूर्त है,दुर्गा पूजा को हमेसा सुभ मुहूर्त देखके ही उसका तिथि निकाला जाता है ताकि दुर्गा माँ लोगों को अच्छे से प्रश्न होसके,2019 के बात करे 4,october को हुआथा जो सुकरबार के दिन.इसी तरह दुर्गा माँ के पूजा के तिथि हर साल बदल ता रहता बिधि के अनुसार,
duga puja kalkata 2020
वैसे तो दुर्गा पूजा india की कोने कोने में होता है परन्तु कलकत्ता के दुर्गा पूजा के बात ही कुछ और है,durga kalkata pendal की बात करें तो वहां के लोग उसीमे crore rupay खर्च करदेते है,मानाजाता है की दुर्गा पूजा वहां का सबसे बड़े त्विहार है जहाँ हर लोग दुर्गा पूजा को इंतजार करते है उसदिन जहाँ कहीं भी लोग रहते है वो वापस पूजा के दिन लौट आते है दरअसल कलकत्ता की लोगों का एक मिलन का दिन भी होता है दुर्गा पूजा उस दिन कलकत्ता के गली गली में लोगों के भीड़ लगा रहता है,
durga puja history
दुर्गा पूजा के सुरुवात west bengal यानि कलकत्ता के दीनाजपुर मालदारों के जमींदारों sun- 1500 सताब्दी ने पहेली बार आयोजन किया था इसके बात दुर्गा पूजा को 1600 सताब्दी में बंगाल के हुगली जिल्ले में दुर्गा पूजा को 12 लोग मिलके पूजा किए और उनका नाम 12 यारी दुर्गा पूजा नाम दिए उसके बात उसी पूजा को बढ़ाबा देनेकेलिए बंगाल के राजा ने अपनी दरवार में पूजा को आयोजन करने केलिए आदेश दिए थे जिसके के चलते दुर्गा पूजा धीरे धीरे बंगाल में फ़ैल ता गया,
दुर्गा पूजा के दूसरा नाम अकाल बोधन है जिसका पीछे भी एक कहानी छुपा हुआ है,बंगाल के बात दुर्गा पूजा को पहलीबार दिल्ली में 1910 में किया गया था जब ब्रिटिश ने india के capital को कोलकाता से दिल्ली लाये तब से दुर्गा पूजा को धूम धाम से दिल्ली सेहर में भी मनाया गया और ये देखते देखते चारो और फ़ैल गया और आजका तारीख में दुर्गा पूजा india के एक सबसे बड़े त्विहार में से एक बन गया है,
durga puja date और सही घडी
दुर्गा पूजा को हर साल september से october के बिच में ही मनाया जाता है क्यों की जब पौराणिक कल में श्री राम ने रावण को मरने केलिए महिसा मर्दनी के पूजा की थी 108 नीले कम्बल के फूल से और वो वक़्त september से अक्टूबर के बिज़ के होता है इसलिए पौराणिक काल के अनुसार दुर्गा पूजा को उसी घडी में आयोजन किया जाता है,
durga puja बिधि in hindi
दुर्गा पूजा को 9 दिन तक मनाया जाता है जिसे हम नवरात्रि भी कहते है,नवरात्रि में दुर्गा माँ के 9 रूप होता है जैसे-सैली पुत्री,ब्रम्भा चारिणी,चंद्र घंटा,कुष्मांडा,कन्द माता,कात्यायनी,काल रात्रि,महा गौरी और सिद्धगि दात्री है और इसी सभी रूप को 9 दिन तक पूजा किया जाता है,दुर्गा माता को पूजा करने केलिए नए बस्त्र के साथ उपबास भी रहना पड़ता है और हर दिन 109 नील कोम्बल के फूल को पूजा में अर्पण किया जाता है,दुर्गा पूजा को हर जगह में अपनी अपनी हिसाब से पूजा किया जाता है,
दुर्गा पूजा क्यों मनाया जाता है
दुर्गा पूजा हिन्दुओं का पूजा है उनका मान्ना है की रावण जैसे राख्याश को श्री राम ने मरने केलिए महिसा मुर्दनी की पूजा आयोजन किये थे ताकि रावण को मरने केलिए दुर्गा माँ उनको साथ दें और ऐसे भी होता है पौराणिक कथा अनुसार इसीलिए कलियुग के इंसान जो पाप काम करके इंसान के रूप में राख्यास होते है उनको नाश करने केलिए ये पूजा किया जाता है ताकि दूनियाँ में सन्ति और सुख कायम रहे,
दुर्गा पूजा date,बिधि,के साथ आपको सारि जानकारी मिलगई होगी,ऐसे ही india के सरे festivals के date और उसकी सारि जानकारी जान्ने केलिए हमारे website को follow कीजिये ताकि कोई भी जानकारी आपसे छूटे ना,आप सभी लोगों को 2020 में दुर्गा पूजा के बधाई हो..
durga puja date 2020
इसी साल की दुर्गा पूजा 22 october में मनाया जायेगा जो की गुरबार के दिन को सुभ मुहूर्त है,दुर्गा पूजा को हमेसा सुभ मुहूर्त देखके ही उसका तिथि निकाला जाता है ताकि दुर्गा माँ लोगों को अच्छे से प्रश्न होसके,2019 के बात करे 4,october को हुआथा जो सुकरबार के दिन.इसी तरह दुर्गा माँ के पूजा के तिथि हर साल बदल ता रहता बिधि के अनुसार,
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durga puja 2020 in india |
duga puja kalkata 2020
वैसे तो दुर्गा पूजा india की कोने कोने में होता है परन्तु कलकत्ता के दुर्गा पूजा के बात ही कुछ और है,durga kalkata pendal की बात करें तो वहां के लोग उसीमे crore rupay खर्च करदेते है,मानाजाता है की दुर्गा पूजा वहां का सबसे बड़े त्विहार है जहाँ हर लोग दुर्गा पूजा को इंतजार करते है उसदिन जहाँ कहीं भी लोग रहते है वो वापस पूजा के दिन लौट आते है दरअसल कलकत्ता की लोगों का एक मिलन का दिन भी होता है दुर्गा पूजा उस दिन कलकत्ता के गली गली में लोगों के भीड़ लगा रहता है,
durga puja history
दुर्गा पूजा के सुरुवात west bengal यानि कलकत्ता के दीनाजपुर मालदारों के जमींदारों sun- 1500 सताब्दी ने पहेली बार आयोजन किया था इसके बात दुर्गा पूजा को 1600 सताब्दी में बंगाल के हुगली जिल्ले में दुर्गा पूजा को 12 लोग मिलके पूजा किए और उनका नाम 12 यारी दुर्गा पूजा नाम दिए उसके बात उसी पूजा को बढ़ाबा देनेकेलिए बंगाल के राजा ने अपनी दरवार में पूजा को आयोजन करने केलिए आदेश दिए थे जिसके के चलते दुर्गा पूजा धीरे धीरे बंगाल में फ़ैल ता गया,
दुर्गा पूजा के दूसरा नाम अकाल बोधन है जिसका पीछे भी एक कहानी छुपा हुआ है,बंगाल के बात दुर्गा पूजा को पहलीबार दिल्ली में 1910 में किया गया था जब ब्रिटिश ने india के capital को कोलकाता से दिल्ली लाये तब से दुर्गा पूजा को धूम धाम से दिल्ली सेहर में भी मनाया गया और ये देखते देखते चारो और फ़ैल गया और आजका तारीख में दुर्गा पूजा india के एक सबसे बड़े त्विहार में से एक बन गया है,
durga puja date और सही घडी
दुर्गा पूजा को हर साल september से october के बिच में ही मनाया जाता है क्यों की जब पौराणिक कल में श्री राम ने रावण को मरने केलिए महिसा मर्दनी के पूजा की थी 108 नीले कम्बल के फूल से और वो वक़्त september से अक्टूबर के बिज़ के होता है इसलिए पौराणिक काल के अनुसार दुर्गा पूजा को उसी घडी में आयोजन किया जाता है,
durga puja बिधि in hindi
दुर्गा पूजा को 9 दिन तक मनाया जाता है जिसे हम नवरात्रि भी कहते है,नवरात्रि में दुर्गा माँ के 9 रूप होता है जैसे-सैली पुत्री,ब्रम्भा चारिणी,चंद्र घंटा,कुष्मांडा,कन्द माता,कात्यायनी,काल रात्रि,महा गौरी और सिद्धगि दात्री है और इसी सभी रूप को 9 दिन तक पूजा किया जाता है,दुर्गा माता को पूजा करने केलिए नए बस्त्र के साथ उपबास भी रहना पड़ता है और हर दिन 109 नील कोम्बल के फूल को पूजा में अर्पण किया जाता है,दुर्गा पूजा को हर जगह में अपनी अपनी हिसाब से पूजा किया जाता है,
दुर्गा पूजा क्यों मनाया जाता है
दुर्गा पूजा हिन्दुओं का पूजा है उनका मान्ना है की रावण जैसे राख्याश को श्री राम ने मरने केलिए महिसा मुर्दनी की पूजा आयोजन किये थे ताकि रावण को मरने केलिए दुर्गा माँ उनको साथ दें और ऐसे भी होता है पौराणिक कथा अनुसार इसीलिए कलियुग के इंसान जो पाप काम करके इंसान के रूप में राख्यास होते है उनको नाश करने केलिए ये पूजा किया जाता है ताकि दूनियाँ में सन्ति और सुख कायम रहे,
दुर्गा पूजा date,बिधि,के साथ आपको सारि जानकारी मिलगई होगी,ऐसे ही india के सरे festivals के date और उसकी सारि जानकारी जान्ने केलिए हमारे website को follow कीजिये ताकि कोई भी जानकारी आपसे छूटे ना,आप सभी लोगों को 2020 में दुर्गा पूजा के बधाई हो..
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