आप सबको Nuakhai juhar आज हम paschim odisha nuakhai history के बारे में बिस्तार से जानेंगे की असल में nuakhai होता किया है और इस त्विहार को कियूं मनाया जाता है। इसी पोस्ट को सुरु से लेके आखरी तक जरूर पढ़ें ताकि आज हम odisha के एक ऐसे festival के बारे में आपको जानकारी देंगे जो आज भी कला और संस्कृति में भरा हुआ है।
Nuakhai History
तो किया है nuakhai history तो बतादूँ की यह एक त्विहार है जो paschim odisha के किसानो दुवारा कई सदिओं से इस महान त्विहार को आयोजित किया जारहा है। Nua मतलब नया और khai मतलब खाना यानि नुआखाई के हिंदी मीनिंग नया खाना होता है जिसे आज के तारीख में सिर्फ पश्चिम ओडिशा ही नहीं बल्कि सारा ओडिशा में नुआखाई सेलिब्रेट किया जाता है एक साथ एक ही दिन में जिसका माहौल देख के कोई भी हैरान हो जायेगा कियूं की इस त्विहार के खासियत यह है की दुसमन को भी पियार से गले लगाना होता है और अपनों से मिलने के एक सुभाग्य प्राप्ति देता है ।
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nuakhai history |
जब पूजा ख़तम होजाता है तब सभी लोग एक जगह में इकठा होते है और उस वक़्त देवी देवता में लगाया हुआ वही भोग यानि साल के पहेली खाना को एक पत्ते में सिमट कर सबको को थोड़ा थोड़ा दिया जाता है और इसे चुराकुणा (ଚୂଡ଼ାକୁଣା) काहा जाता है। जब चुराकुणा सभी लोग खा लेते है तब सभी लोग फिर से एक साथ बैठ के भोजन करते है। भोजन करने केलिए कोईभी प्रकार के प्लेट इस्तेमाल नहीं किया जाता है कियूं की नुआखाई के दिन एक अलग किसम के पेड़ के पत्ते लाया जाता है जिसे ओडिशा में कुरेपत्ता (କୁରେ ପତର) काहा जाता है उसे प्लेट बनाकर खाना खाते है लोग।
Nuakhai Juhar
ऊपर के आर्टिकल नहीं पढ़ी है तो पहले पढ़ लीजिये तब जाके nuakhai juhar किया है आपको अच्छे से समझ में आएगा। जब सरे लोग पूजा अर्चना ख़तम करके खाना खालेते है तब सभी लोग अपने से बड़े लोगों को हाथ जोड़ के नमस्कार करते है और इसे nuakhai juhar कहा जाता है। जुहार यानि हिंदी में नमस्कार होता है जैसे की लोग दिवाली के दिन happy diwali कहते है ठीक वैसे ही happy nuakhai भी बोलाजाता जाता है और नुआखाई ख़तम होनेके बाद नुआखाई जुहार किया जाता है। बतादूँ की उस दिन गाओं हो या सेहर हो आपके सरे जान पहचान वालों को घूम घूम के नुआखाई जुहार करना होता है और यह नुआखाई के एक खास बात होता है जो की इस तरह के नियम और निति किसी और त्विहार में नहीं देखा जाता है।
Nuakhai kiyun manaya jata hai ?
जिन्हे नहीं पता की nuakhai kiyun manaya jata hai तो बतादूँ की सदिओं से चलती आरही एक परम्परा है नुआखाई जो अभी भी लोग उसी ससंस्कार को बरक़रार रखते आरहे है। लोगों का मन्ना है की किसान ने जो खेती की होती है और उन्ही खेती में निकला हुआ पहला धान को देवी देवताओं के पास भोग लगाकर उसे खाते है तो वह पुरे साल खाने पिने केलिए किसी भी लोगों को असुबिधाएँ नहीं होता है यानि खाने का कमी नहीं होता है। वैसे तो नुआखाई कियूं मनाया जाता है इसका भी एक कहानी है जो आप अगर इसी आर्टिकल को सुरु से read करोगे तो समझ में आएगा।
which state celebrate is nuakhai festival
इस महान त्विहार को odisha state के पश्चिम दिशा के सारे जिल्ले nuakhai festival celebrate करते है यानि पश्चिम ओडिशा के सरे जिल्ले जैसे बलांगीर।बरगढ़।सम्बलपुर। सोनपुर। बौद्ध। कालाहांडी। नुआपड़ा। सुन्दर गढ़।कंधमाल और भी कई सारे जिल्ले में और आज की तारीख में नुआखाई बहुत ही प्रसिद्ध हो चूका है जिसे ओडिशा राज्य के लग भग सारे जिल्ले में इस परब को बहुत ही निष्ठा के साथ पालन किया जाता है।
Nuakhai Basi
नुआखाई ख़तम होने के बाद nuakhai basi आता है यानि नुआखाई के अगला दिन को बासी काहा जाता है और बचे खुचे लोगों को भी nuakhai basi juhar किया जाता है। बासी के दिन बहुत सरे कार्यकर्म के आयोजित किया जाता है बड़े बड़े सेलेब्रेटी को बुलाया जाता है। में आपको बतादूँ की बसी के दिन को non-veg दिन भी कहा जाता है कियूं की उसी दिन को सभी के घर में नॉनवेज होना लाजमी है पर यह कोई रिबाज नहीं है बस वैसे ही मस्ती में करते है।
Nuakhai festival in hindi
आज हम nuakhai festival in hindi को आपके साथ एक्सप्लेन किये है तो उम्मीद करता हूँ की सब कुछ आपको अच्छे से जानकारी मिलगया होगा। आपके मन में कोई सबाल या सुझाब हो तो निचे जरूर कमेंट करें और pachim odisha nuakhai histroy को दोस्तों के साथ हो सके तो जरूर share करें और सभी लोगों को 2022 का nuakhai juhar हमारी तरफ से
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